
(गाजीपुर): सैदपुर ब्लाक के बहेरी स्थित दरगाह पर होलिकोत्सव पर्व मनाकर हिंदू मुस्लिम एकता का संदेश दिया गया। जहां लोक गायकों ने सूफियाना निर्गुण के साथ श्रीकृष्ण और राधा के भजन भी सुनाए। मंजूर आलम शाह के दरगाह से सामाजिक सदभाव का सार्थक संदेश दिया गया। बाबा साहेब के दरगाह पर होली का त्योहार मनाया गया। जहां सभी धर्मों के लोग एकजुट होकर रंगों का आनंद लेते हुए एक दूसरे को अबीर गुलाल का तिलक लगाकर पावन पर्व की बधाइयां दिये। दरगाह के संरक्षक जावेद हसन के आहवाहन पर यह स्थल सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बन गया। इस दरगाह की सबसे खास बात यह है कि यहां जाति और धर्म का कोई भेदभाव नहीं रहता। सभी श्रद्धालु एक साथ रंगों में सराबोर होकर होली का आनंद लेते हैं। लोग इस पवित्र स्थल पर होली खेलने को अपना सौभाग्य मानते हैं। लोक गायक संतोष कुमार मधुर ने बताया कि बाबा के दरगाह पर सूफियाना और निर्गुण गीतों के साथ ही राधा कृष्ण के होलियाना गीत भी गाये गए। श्रीराम सीता के प्रेम प्रसंग पर होली गीतों के साथ ही कई भजन भी गाकर लोगों को सामाजिक समरसता का सार्थक संदेश दिया गया। बीडीसी रामानुज यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति के पर्व हमें सामाजिकता का संदेश देते है। भारतीय संस्कृति के सभी परंपरागत पर्व समूह में ही समाज के साथ मनाने की रीति रिवाज रहे है। बहेरी के इस दरगाह पर हिंदू मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग एक साथ पर्व का आंनद लेते है।