गाजीपुर। कासिमाबाद कोतवाली क्षेत्र स्थित सिधागर घाट गांव सोमवार की दोपहर एक दर्दनाक हादसे का गवाह बना। 45 वर्षीय बृजनाथ साहनी, जो वर्षों से गांव में बिजली की छोटी-मोटी मरम्मत कर लोगों की मदद करते आ रहे थे, इसी सेवा भावना के चलते अपनी जान गंवा बैठे।बताया जा रहा है कि गांव के एक व्यक्ति के घर की बिजली बाधित हो गई थी। मदद की आस में लोग बृजनाथ के पास पहुंचे। बिना सटडाउन और किसी सुरक्षा उपकरण के, बृजनाथ पुराने यूनियन बैंक के पास लगे ट्रांसफार्मर पर चढ़ गए और जैसे ही तार जोड़ने लगे, उसी वक्त बिजली बहाल हो गई। करंट की तेज चपेट ने उन्हें संभलने का मौका तक नहीं दिया। देखते ही देखते वे ट्रांसफार्मर से नीचे गिर पड़े और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।हादसे की खबर मिलते ही गांव में कोहराम मच गया। ग्रामीण दौड़ते हुए पहुंचे और आनन-फानन बिजली आपूर्ति बंद कराई। शव को नीचे उतारा गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।बृजनाथ की जिंदगी किसी फिल्मी किरदार की तरह थी, गरीबी, संघर्ष और आत्मसम्मान से भरी। नशे की आदत के बावजूद वह गांव में बिजली सुधारकर पेट पालते थे। उनका परिवार पत्नी और दो बेटे परदेश में मजदूरी कर रहे हैं। गांव में बृजनाथ अकेले रहते थे।घटना की जानकारी पर कोतवाली प्रभारी शैलेन्द्र कुमार पाण्डेय मौके पर पहुंचे और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। उधर, गांव के लोग मुआवजे की मांग पर अड़े रहे।