
संवाददाता प्रदीप कुमार शर्मा
उत्तर प्रदेश गाजीपुर सरकार में मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने इटावा में हुई हालिया घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए और यह समाज में व्याप्त पुरानी सामाजिक विसंगतियों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई गौतम बुद्ध के समय से ही चलती आ रही है, जिसे समय-समय पर महापुरुषों ने सामाजिक सुधार के लिए लड़ा।
राजभर ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने इन सभी सामाजिक लड़ाइयों को संविधान में जगह दी और एक ऐसा संविधान तैयार किया जिसमें किसी भी प्रकार की नफरत या द्वेष के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज जो भी संघर्ष हो रहा है वह पूरी तरह संविधान के दायरे में रहकर हो रहा है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए राजभर ने कहा कि वे केवल पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की बात करते हैं, लेकिन उन्हें मायावती जी से सीख लेनी चाहिए। मायावती ने अपने कार्यकाल में एससी-एसटी समुदाय के लिए कोचिंग सेंटर खोले और ठेकेदारी में आरक्षण की व्यवस्था दी, जबकि अखिलेश यादव की सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल में ऐसी कोई पहल नहीं की।
ओपी राजभर ने आरोप लगाया कि अखिलेश सिर्फ 18 प्रतिशत मुस्लिम वोटों के लिए राजनीति कर रहे हैं, लेकिन बाद में उन्हें भी धोखा दे देते हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सपा का पीडीए दरअसल “परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी” है, जिसका उद्देश्य केवल परिवार विशेष को फायदा पहुंचाना है।
सपा से निकाले गए तीन विधायकों पर भी राजभर ने टिप्पणी की और कहा कि वे पहले ही पार्टी छोड़ चुके थे, अब सिर्फ औपचारिकता निभाई जा रही है।