
संवाददाता प्रदीप कुमार शर्मा
गाजीपुर। जनपद के बिराइच इनरवा गांव में हुई बुलडोजर कार्रवाई से हड़कंप मच गया है। रक्षा संपदा विभाग द्वारा की गई इस कार्रवाई में 100 से अधिक घरों को जमींदोज कर दिया गया, जिनमें कई प्रधानमंत्री आवास, सरकारी स्कूल और पंचायत भवन भी शामिल हैं। इस कार्रवाई को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। उनका आरोप है कि उन्हें न तो कोई नोटिस मिला और न ही कोई पूर्व सूचना, बस तीन दिन तक बुलडोजर लगातार चलाया गया और लोग बेघर हो गए।

इस मुद्दे ने तब और तूल पकड़ लिया जब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर इस कार्रवाई की निंदा की। उनके ट्वीट के बाद प्रशासन ने तत्काल बुलडोजर कार्रवाई रोक दी।
सपा विधायक वीरेंद्र यादव ने संभाला मोर्चा
सपा विधायक डॉ. वीरेंद्र यादव ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने प्रशासन और शासन पर गरीबों को जानबूझकर उजाड़ने का आरोप लगाया। उनका कहना था:

“बरसात के इस मौसम में गरीब परिवारों को बेघर करना पूरी तरह अमानवीय है। सरकार को जवाब देना चाहिए कि अगर यह जमीन रक्षा संपदा विभाग की है, तो उस पर सरकारी भवन और पीएम आवास कैसे बनाए गए?”
पुनर्वास और जांच की मांग
डॉ. वीरेंद्र यादव ने प्रभावित परिवारों के लिए तिरपाल और भोजन की व्यवस्था कराई और पीड़ितों के लिए तत्काल पुनर्वास की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कार्रवाई की निष्पक्ष जांच नहीं हुई और गरीबों को पुनर्वास नहीं मिला, तो समाजवादी पार्टी बड़ा आंदोलन करेगी।
विधानसभा सत्र में उठेगा मामला
सपा विधायक ने जिलाधिकारी से बातचीत कर पीड़ितों को राहत दिलाने की कोशिश की, लेकिन अब तक कोई ठोस मदद नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि वह इस पूरे मामले को आगामी विधानसभा सत्र में उठाएंगे और सरकार से पूछेंगे कि पीएम आवास और स्कूल गिराने वालों पर कार्रवाई कब होगी?
यह मामला अब केवल एक स्थानीय प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि राजनीतिक मुद्दा बन चुका है, जिसकी गूंज लखनऊ तक पहुंच गई है। जनता की निगाहें अब सरकार की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।